इनके तहत सरकार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने कामकाज के बारे में ‘फर्जी और भ्रामक’ सूचनाओं की पहचान करने के लिए फैक्ट चेक यूनिट स्थापित करने का अधिकार दिया गया था।
बता दें कि इन नियमों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट के समक्ष याचिकाएं दायर की गई थीं।
मशहूर स्टैंड अप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने सूचना प्रौद्योगिकी नियमों में संशोधन के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया है