विजयादशमी पर आरएसएस अपनी स्थापना के शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर रहा है। अकादमिक और पत्रकारिता के क्षेत्र में तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का नाम सुनकर आगबबूला होने वाले लोगों की बड़ी संख्या है।
विश्व पुस्तक मेला के दौरान राजकमल प्रकाशन के मंच से संजीव ने ये घोषणा की थी कि उनकी सभी किताबें अब राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित होंगी। अवसर था उनके कहानी संग्रह प्रार्थना के लोकार्पण का।
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले सुनियोजित तरीके से असहिष्णुता को मुद्दा बनाकर पुरस्कार वापसी का अभियान चलाया गया था।