कमाल खान अब नहीं है। भरोसा नहीं होता। दुनिया से जाने का भी एक तरीका होता है। यह तो बिल्कुल भी नहीं।
दिल का दौरा पड़ने से गई जान। तमाम जाने-माने लोगों ने कमाल खान के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए इसे पत्रकारिता जगत के लिए बहुत बड़ी क्षति बताया है।
मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी, हैदराबाद ने सदस्य के तौर पर स्कूल बोर्ड में इन्हें नामित किया है