‘अरे भाई इनके लिए चाट लेकर आओ।‘ पिछली बार जब मैं लखनऊ गया तो उनके पुराने घर में बाऊजी ने ये कहकर अपने और मेरे लिए चाट मंगवाई थी।
भारत में ऐसे भी पत्रकार हुए हैं, जिन्होंने सामाजिक सौहार्द के लिए अपने प्राणों की आहूति दे दी। ये लोग आज भी पत्रकारिता व पत्रकारों को प्रेरणा देते हैं।