गांधी जी के विचार की सार्वभौमिक स्वीकार्यता। महात्मा गांधी का नाम जाति, धर्म और राष्ट्र-राज्यों की सीमाओं से परे है।
महात्मा गांधी ने आठ अगस्त 1942 को मुंबई के गवालिया मैदान में करो या मरो का नारा दिया। उसी रात वे गिरफ्तार कर लिए गए।
'कल्याण' के लिए जिस व्यक्ति का आशीर्वाद और लेखन बेहद महत्वपूर्ण था, उसी पत्रिका में अप्रैल 1948 के अंक तक एक बार भी उनका (गांधी) उल्लेख नहीं हुआ।
एमओयू पर आईआईएमसी की ओर से महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी एवं महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने हस्ताक्षर किए।
आईआईएमसी की ओर से आयोजित 'शुक्रवार संवाद' कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे ‘महात्माप गांधी अंतरराष्ट्री य हिंदी विश्वबविद्यालय’, वर्धा में जनसंचार विभाग के अध्यक्ष प्रो. कृपाशंकर चौबे
‘स्वच्छ भारत अभियान’ को जन आंदोलन बनाने में भारत के प्रत्येक व्यक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
अनुभव से बड़ा कोई ज्ञान नहीं है। जब कोई उमरदराज बूढ़ा इस लोक से जाता है तो अपने साथ एक विशाल पुस्तकालय ले जाता है।
देश के प्रमुख मीडिया शिक्षण संस्थान ‘भारतीय जनसंचार संस्थान’ (IIMC) ने महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, बिहार के साथ मंगलवार को एक समझौता पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
14 फरवरी को प्रदीप सरदाना को यह अवॉर्ड पत्रकारिता क्षेत्र में किए गए उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया जाएगा।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 151वीं जयंती के मौके पर ‘भारतीय जनसंचार संस्थान’ (आईआईएमसी) में गांधी पर्व का आयोजन किया जाएगा।