जिसकी सीटें ज़्यादा उसका सीएम बनेगा, इतने में हमारे यहाँ मान गये होते तो आज ये हाल नहीं होता, जिस चीज के लिए गये थे उसी के लाले पड़ रहे हैं।
रतन टाटा ने जो कुछ कमाया वो अपने देश पर खर्च किया, सही मायनों में वो सच्चे राष्ट्रवादी थे। रतन टाटा की कंपनियों का भारत की GDP में 2 प्रतिशत का योगदान है।
राज ठाकरे ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा, कला की कोई राष्ट्रीय सीमा नहीं होती, जो अन्य मामलों में ठीक है, लेकिन पाकिस्तान के लिए यह बिल्कुल भी काम नहीं करेगा।