कार्यक्रम के दौरान प्रदेश भर में महिलाओं के लिए काम कर रहे तमाम महिला संगठनों, खिलाड़ियों, कामगारों,बुनकरों, समाजसेवियों व डाक्टरों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
बीजद पार्टी अपनी 42 फीसदी महिलाओं को संसद भेजती है। दूसरी पार्टियां ऐसा क्यों नहीं कर पाती हैं?
27 साल और कई असफल प्रयासों के बाद, अटल बिहारी वाजपेयी और फिर डॉ. मनमोहन सिंह के बाद, महिला आरक्षण आखिरकार एक वास्तविकता है।
लोकसभा में बुधवार को बिल पर करीब आठ घंटे तक चर्चा हुई और फिर वोटिंग के दौरान पक्ष में 454 और विरोध में 2 वोट पड़े।
देहरादून में कॉन्क्लेव के साथ-साथ अपने उल्लेखनीय कार्यों से समाज के सामने अनुकरणीय उदाहरण पेश करने वाली महिलाओं को नारी शक्ति अवॉर्ड्स से सम्मानित भी किया गया।