भारत सरकार में पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस मंत्री और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ट्वीट द्वारा भारतवासियों को बधाई दी।
कुछ एंकर ऐसे भी मिले जो सचेत होना ही नहीं चाहते। वे जिस हिंग्लिश के अभ्यस्त हो गए हैं, उसे छोड़ना नहीं चाहते, खुद को बदलना नहीं चाहते
अकेली हिंदी ही नहीं, सारी भारतीय भाषाओं में क्रमिक क्षरण की यह प्रक्रिया चल रही है लेकिन शायद हिंदी जैसी उदासीनता नहीं है
भाषा के बिना किसी समाज/समूह की संस्कृति की कल्पना नहीं की जा सकती। संस्कृति की सबसे बड़ी, सबसे प्रभावी और शक्तिशाली वाहिका भाषा ही होती है।
कहा, यह पदावनति फायदे से ज्यादा नुकसान करेगी। कर रही है। नागरिक इससे बहुत आहत हैं और बने रहेंगे।
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