जाने-माने पत्रकार शेखर गुप्ता द्वारा स्थापित ‘द प्रिंट’ की कवरेज अपने अब तक के सफर के दौरान राजनीति से लेकर कल्चर तक और इकनॉमी से लेकर टेक्नोलॉजी तक काफी व्यापक रही है।
14 मिनट से ज्यादा के इस वीडियो में शेखर गुप्ता ने इस शो के कॉन्सेप्ट के साथ यह भी बताया है कि कैसे यह इस महत्वपूर्ण मील के पत्थर तक पहुंचा और अपनी पहुंच का विस्तार किया।
कारवां मैगजीन के पॉलिटिकल एडिटर हरतोष सिंह बल ने संपादकों की संस्था ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ के प्रेजिडेंट शेखर गुप्ता के बयान पर उन्हें घेरा है
‘द प्रिंट’ के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ शेखर गुप्ता की ओर से इस बारे में एक स्टेटमेंट भी जारी किया गया है
लॉकडाउन के मौसम में यदि आप किराना या सब्जी की होम डिलीवरी के लिए फोन लगाते हैं, तो अव्वल तो फोन लगेगा नहीं और यदि लग भी गया तो जवाब होगा ‘अभी संभव नहीं है, कल देखते हैं’।
सोशल मीडिया पर नेताओं और सेलेब्रिटीज की तरह पत्रकारों को फॉलो करने वालों की भी कमी नहीं है। कई पत्रकारों के तो लाखों फॉलोअर्स हैं
‘द प्रिंट’ की इस खबर पर प्रोफेसर शर्मा ने कड़ी आपत्ति जताई और न्यूज पोर्टल के पत्रकार के साथ अपनी बातचीत का ऑडियो भी जारी किया
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