विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के मुख्य आतिथ्य में दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में डॉ. बिनय सहस्रबुद्धे और डॉ. सच्चिदानंद जोशी द्वारा संपादित इस किताब की लॉन्चिंग की गई।
वर्ष 1999 में सुषमा स्वराज की लाहौर यात्रा से जुड़ा वह संस्मरण भी साझा किया, जब मिठाई वाले ने पैसे लेने से कर दिया था इनकार
मई 2009 में मध्य प्रदेश के विदिशा से पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ने के दौरान सुषमा स्वराज ने इस मुद्दे पर अपनी बात रखी थी
अनुच्छेद 370 की विदाई कोई आसान काम नहीं था। कमोबेश हर दल इसके पक्ष में था, लेकिन सत्ता में रहते हुए उसे हटाने का साहस कोई नहीं कर पाया
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स लोगों के लिए सूचना का स्रोत बनने के साथ ही उन्हें अपनी बात रखने का मंच भी प्रदान कर रहे हैं। लेकिन, कुछ लोग अपने मानसिक दिवालियापन को दिखाने में यहां पर भी बाज नहीं आते हैं
सुषमा स्वराज ने अपने विदेश मंत्री रहते न जाने कितने परिवारों को विदेशों में मदद की थी, ये हर कोई जानता है
वरिष्ठ पत्रकार संतोष भारतीय ने उठाया बड़ा सवाल, क्या हमने कश्मीर के पत्रकारों को भी देश विरोधी और पाकिस्तान समर्थक मान लिया है?
मोदी सरकार के लगभग सभी मंत्रियों और सांसदों ने अपने नाम के आगे चौकीदार लगा रखा है
इस्लामी सहयोग संगठन (ओआईसी) की पचासवीं वर्षगांठ पर भारत को उसने आमंत्रित...