27 साल और कई असफल प्रयासों के बाद, अटल बिहारी वाजपेयी और फिर डॉ. मनमोहन सिंह के बाद, महिला आरक्षण आखिरकार एक वास्तविकता है।
कोई भी सरकार होती, महिला आरक्षण बिल को संसद से पास करवाकर तुरंत लागू करना संभव नहीं था। विपक्ष सरकार की मजबूरियां समझता है।
महिला आरक्षण बिल पर लोकसभा में चर्चा के बीच कांग्रस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने 'नारीशक्ति वंदन विधेयक' का समर्थन किया।
इसके कानून बन जाने के बाद 543 सदस्यों वाली लोकसभा में महिला सदस्यों की मौजूदा संख्या (82) बढ़कर 181 हो जाएगी।