साल 2023 की ‘रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ में भारत की वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स (world Press Freedom Index) में रैंकिंग 180 देशों के बीच 11 स्थान नीचे लुढ़कते हुए 161वें स्थान पर पहुंच गई।
कमाल का साल रहा 2023, खासतौर पर मीडिया के लिए। पत्रकार की नजर से देखा जाए तो खबरों की बाढ़ थी इस पूरे साल।
वर्ष 2023 वैश्विक स्तर पर विगत् दो वर्षों में हुई कोविड-19 महामारी की त्रासदी से उबरता हुआ साल रहा है
पत्रकारिता और मीडिया के मध्य की लक्ष्मण रेखा सिमट गई। पत्रकारिता समाज का आईना था, तो मीडिया समाज का न्यायाधीश बना हुआ है।
साल 2023 में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और चैट-जीपीटी जैसे नवाचारों ने हमारे सामने अवसरों के साथ-साथ अद्वितीय चुनौतियां भी प्रस्तुत कर दी हैंI
इस गुजरते साल में डिजिटल मीडिया की दुनिया ने भी अपने पंख फैलाए हैं, जिससे इस इंडस्ट्री को न केवल ऊंचाई मिली है, बल्कि रोजगार के अवसर भी खुले हैं।
इस साल कई ऐसे टीवी चैनलों ने दस्तक दी है, जिससे इस इंडस्ट्री में रोजगार के अवसर खुले हैं। आइए, एक नजर डालते हैं ऐसे ही चैनलों की लॉन्चिंग पर
जिसे हम मुख्यधारा का मीडिया कहते या मानते हैं, उसकी बात करें तो उसके लिए 2022 भी कमोबेश वैसा ही रहा, जैसा कि उसके पहले के कुछ साल रहे।
2022 में सबसे ज्यादा विश्वसनीय बनकर उभरा तो प्रिंट मीडिया। प्रिंट मीडिया में भी अखबारों की भूमिका संजीदा रही।
साल 2022 में कई ऐसे चैनलों ने दस्तक दी है, जिससे मीडिया इंडस्ट्री में रोजगार के अवसर खुले हैं। इनमें कुछ टीवी चैनल व कुछ डिजिटल चैनल शामिल हैं