इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में रामलला की मूर्ति तैयार करने वाले अरुण योगीराज ने कई रोचक किस्से सुनाए।
हमारा परिवार पांच पीढ़ी यानी कोई तीन सौ वर्षों से यह काम कर रहा था। उन पांच पीढ़ियों में से भगवान ने शायद मुझे उस मूर्तिकार के रूप में चुना, जो उनकी मूर्ति बनाए।