स्मरण रहे कि हम जिस संसार में रहते हैं उसे ‘जगत्’ भी कहते हैं, जहां सब कुछ गतिमान है।
हालांकि भाजपा नीत एनडीए बार-बार विपक्षी गठबंधन इंडिया से यह सवाल जरूर पूछेंगे कि नरेंद्र मोदी के मुकाबले उनके पास नेता कौन है।
महत्वपूर्ण बात ये है कि प्रचंड बहुमत के साथ बैठी भाजपा भी इसको हल्के में नहीं ले रही।
आपको याद होगा कि आजादी के बाद भारत में जो राजनीतिक दल पनपे, वे किसी न किसी ठोस वैचारिक धुरी पर टिके हुए थे।
शिक्षक भर्ती के नियमों में बदलाव, दस लाख नौकरियां देने के वादे और तेजस्वी यादव के खिलाफ चार्जशीट को लेकर प्रदर्शन गांधी मैदान में था।
बीजेपी सांसद सुशील मोदी, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय समेत कई नेताओं ने विजय सिंह की मौत लाठीचार्ज से होने का दावा किया है।
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि बृजभूषण सिंह ने महिला पत्रकार से बदसलूकी की।
दरअसल, भाजपा के लिए 2024 में दो-तीन राज्यों में मुश्किलें खड़ी होती दिख रही हैं। महाराष्ट्र, बिहार इनमें से एक है।
मृतकों में तृणमूल कांग्रेस के 5 समर्थक और बीजेपी, कांग्रेस, सीपीएम और एक निर्दलीय उम्मीदवार का एक-एक समर्थक शामिल है।
अगर भारतीय जनता पार्टी को लग रहा है कि शरद पवार को इस हाल में ले आने से उसे राजनीतिक फायदा होगा तो वह मुगालते में है।