दिल्ली स्थित 'आईआईसी' में 23 मई को आयोजित एक कार्यक्रम में हुआ इस किताब का विमोचन। ‘गार्डन्स ऑफ दिल्ली’ दिल्ली की हरियाली को समेटे हुए है, जिसमें राजधानी से जुड़े कई किस्से शामिल हैं।
फिल्म 'आदिपुरुष' ने जिस तरह से भारतीय लोकजन की आस्था से खिलवाड़ किया है, उसके नतीजे अब साफ देखने को मिलने लगे हैं।
अच्छी-बुरी यादों को अपने आगोश में समेटे हुए वर्ष 2022 विदाई की दहलीज पर खड़ा है और हम सब नूतन वर्ष के रूप में वर्ष 2023 का अभिनंदन करने के लिए तैयार हैं।
‘हिन्दुस्तान’ की न्यूज वेबसाइट (livehindustan.com) में एडिटर प्रभाष झा को मीडिया के क्षेत्र में काम करने का करीब 20 साल का अनुभव है।
पत्रकारिता के क्षेत्र में लगभग 19 साल की पारी के दौरान तमाम मीडिया संस्थानों में निभा चुके हैं अपने जिम्मेदारी
महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा में ‘पुरोधा संपादकों की कहानी: हरिवंश की जुबानी’...
आज अगर प्रभाष जी होते तो सरकार और विपक्ष दोनों के झूठ की ईंट से ईंट बजा देते...