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टेक्नोलॉजी बेहद खतरनाक है, जो हमारे मानवीय मूल्यों और सिद्धांतों पर ग्रहण लगा रही है। इससे बचने की जरूरत है। पहले दुनिया विचारों से बदलती थी, लेकिन अब टेक्नोलॉजी से बदल रही है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो 2 years ago


पत्रकारिता के एक ऐसे अंधकार भरे कालखंड जिसमें एक बड़ी संख्या में अख़बार मालिकों की किडनियां हुकूमतों द्वारा विज्ञापनों की एवज़ में निकाल लीं गईं हों

समाचार4मीडिया ब्यूरो 2 years ago


किसी व्यक्ति के नहीं रहने पर आमतौर पर महसूस किया जाता है कि वो होते तो यह होता...

समाचार4मीडिया ब्यूरो 2 years ago


आधुनिक हिंदी पत्रकारिता के दौर पर कुछ भी लिखने के लिए अपने अनुभवों को ही आधार बनाना जरूरी है।

आलोक मेहता 2 years ago


यह जानने के बाद कि मैं जेएनयू के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज में एमफिल कर रहा हूं तो उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर तमाम सवाल पूछे

समाचार4मीडिया ब्यूरो 2 years ago


राजेंद्र माथुर की केवल अंग्रेजी ही अच्छी नहीं थी, उनके पास नई भाषा को गढ़ने वाले मुहावरे थे। वे बातों को रूपक शैली में लिखते थे और वह शैली लोगों को बहुत पसंद आती थी...

समाचार4मीडिया ब्यूरो 2 years ago


हिंदी पत्रकारिता के शिखर पुरुषों में से एक, राजेंद्र माथुर (1935-1991) का निधन 9 अप्रैल को हुआ था। वह 1982 से लेकर 1991 तक नवभारत टाइम्स के प्रधान संपादक रहे।

समाचार4मीडिया ब्यूरो 2 years ago


राजेंद्र माथुर हिंदी पत्रकारिता में अमिट हस्ताक्षर के समान हैं। मालवा के साधारण परिवार में जन्मे राजेंद्र बाबू...

समाचार4मीडिया ब्यूरो 2 years ago


एक जनवरी 1983, ‘नवभारत टाइम्स’ के मुम्बई संस्करण के समाचार संपादक रामसेवक श्रीवास्तव के घर...

समाचार4मीडिया ब्यूरो 2 years ago


हाल ही में एक क़स्बे बदनावर में जाना हुआ। केवल बदनावर के नाम से आपको कुछ शायद नहीं आए, लेकिन यह मध्यप्रदेश के आदिवासी ज़िले धार का एक क़स्बा है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो 2 years ago