दो वर्षों के कोरोना महामारी काल के बाद वर्ष 2022 में नई आशा प्रिंट, टीवी और डिजिटल में दिखने लगी। ‘जूम’ जैसे साधनों के बढ़ते उपयोग से सुविधाएं हुई।
एक बार फिर हंगामा। मीडिया में कारपोरेट समूह और सत्ता की राजनीति के प्रभाव को लेकर सोशल मीडिया तथा अन्य मंचों पर विवाद जारी है।
वर्तमान में राघव राज्यसभा सदस्य हैं और गुजरात चुनाव के मद्देनजर ताबड़तोड़ प्रचार कर रहे हैं।
25 सितंबर को प्रस्तावित विधायक दल की बैठक रद्द कर दी गई वही गहलोत समर्थित 90 से अधिक विधायकों ने अपने इस्तीफे दे दिए है।
वह आकाश से हुई कोई देव वाणी नहीं है। आजादी के 75 साल बाद भारतीय समाज और मीडिया अधिक जागरूक, सक्रिय और शक्ति संपन्न हो चुका है।
अत्याधुनिक संचार साधनों के दौर में लोकतांत्रिक देशों के लिए नई समस्याएं सामने आ रही हैं।
टेक्नोलॉजी बेहद खतरनाक है, जो हमारे मानवीय मूल्यों और सिद्धांतों पर ग्रहण लगा रही है। इससे बचने की जरूरत है। पहले दुनिया विचारों से बदलती थी, लेकिन अब टेक्नोलॉजी से बदल रही है।
आधुनिक हिंदी पत्रकारिता के दौर पर कुछ भी लिखने के लिए अपने अनुभवों को ही आधार बनाना जरूरी है।
जाने-माने संपादक और ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ के पूर्व अध्यक्ष आलोक मेहता (पदमश्री) ने छत्तीगढ़ में रायपुर पुलिस द्वारा आपराधिक मानहानि के तहत की गई दो पत्रकारों की गिरफ्तारी की निंदा की है।
पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित और मीडिया जगत में 50 वर्षों से भी अधिक का अनुभव रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार आलोक मेहता अपनी नई पुस्तक को लेकर लोगों के बीच हाजिर हैं।