कार्यक्रम में जाने-माने लेखक, वरिष्ठ पत्रकार और आईटीवी ग्रुप, इंडिया न्यूज व आज समाज के एडिटोरियल डायरेक्टर पद्मश्री आलोक मेहता मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
पित्रोदा ने पहली बार इंदिरा गांधी और राजीव गांधी को टेलीकॉम सेक्टर पर अपने फॉर्मूलों से परिवार के अंदरूनी घेरे में प्रवेश किया। था। बाद में उन्हें सरकार में बड़े निर्णय करने वाले मिलते रहे।
'मीडिया संवाद 2024' कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार (पदमश्री) आलोक मेहता ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का बढ़ता मायाजाल और मीडिया पर उसके प्रभाव के बारे में चर्चा की।
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का परिणाम जो भी हो, उसके नाम का अस्तित्व तो रहेगा। लेकिन कुछ क्षेत्रीय दल तो संभवतः इस स्थिति में आ जाएंगे कि अगले चुनाव में नहीं दिखेंगे।
इन दिनों लोक सभा चुनाव के लिए मैदान तैयार हो गए हैं। लेकिन लगता है कि कई नेता, संस्थाएं अदालत के जरिये चुनावी मुद्दे तय करना चाहते हैं।
वर्तमान दौर में कर्पूरी जी के आदर्श अधिक लाभदायक हो सकते हैं। शताब्दी वर्ष में उनके पुण्य स्मरण को आदर्शों के पालन के संकल्प से लिया जाना चाहिए।
कमलनाथ ने तो 1980 दौर में ही शुक्ल बंधुओं के प्रिय आदिवासी नेता शिवभानु सिंह सोलंकी को मुख्यमंत्री बनने से रोकने के लिए पहले अपनी दावेदारी की।
‘लोकमत मीडिया ग्रुप’ के चेयरमैन व राज्यसभा के पूर्व सदस्य विजय दर्डा ने बाबूजी को याद करते हुए कहा कि इतिहास किसी को तभी याद करता है, जब उसमें खास गुण होते हैं।
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि ऐसे मामलों को हम गंभीरता से लेते हैं। जांच समिति पहले से ही बनाई गई है।
मुझे 1977 से अब तक 45 वर्षों में कई बार निजी अथवा ब्रिटिश सरकार के निमंत्रण या भारतीय प्रधान मंत्रियों के साथ ब्रिटेन जाने के अवसर मिले हैं।